Sunday, February 23, 2025
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केरल ने गुजरात को अंतिम गेंद पर हराकर फाइनल में बनाई जगह, दिखा रोमांचक मुकाबला

भारतीय घरेलू क्रिकेट की सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगिता, रणजी ट्रॉफी 2024-25, अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। इस सीजन की दो फाइनलिस्ट टीमें तय हो गई हैं—विदर्भ और केरल। सेमीफाइनल मुकाबलों में विदर्भ ने मुंबई को हराकर फाइनल का टिकट कटाया, जबकि केरल ने रोमांचक अंदाज में गुजरात को पीछे छोड़ते हुए खिताबी मुकाबले में जगह बनाई।

केरल और गुजरात का रोमांचक सेमीफाइनल, मैच ड्रॉ लेकिन फाइनलिस्ट बनी केरल

केरल और गुजरात के बीच खेला गया सेमीफाइनल मुकाबला जबरदस्त रोमांच से भरा रहा। यह मुकाबला ड्रॉ पर समाप्त हुआ, लेकिन बेहद नाटकीय अंदाज में केरल ने पहली पारी की बढ़त के आधार पर फाइनल में जगह बना ली।

क्रिकेट के मैदान पर ऐसे नतीजे बहुत कम देखने को मिलते हैं, जहां सिर्फ 2 रनों की बढ़त किसी टीम को फाइनल में पहुंचा देती है।

सिर्फ 2 रन की बढ़त ने बदली तस्वीर, पहली बार रणजी फाइनल में केरल

गुजरात के खिलाफ सेमीफाइनल में केरल को पहली पारी में सिर्फ 2 रनों की मामूली बढ़त मिली थी और इसी के चलते उसे फाइनल का टिकट मिल गया। रणजी ट्रॉफी के 74 साल के इतिहास में यह पहली बार है जब केरल की टीम फाइनल में पहुंची है।

17 फरवरी से शुरू हुए इस मुकाबले में केरल ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 457 रन बनाए थे। जवाब में गुजरात की टीम ने भी दमदार प्रदर्शन किया और 455 रन बनाकर सिर्फ 2 रनों से पीछे रह गई।

सेमीफाइनल के चौथे दिन केरल ने अपनी दूसरी पारी में 4 विकेट के नुकसान पर 114 रन बना लिए थे। दिन समाप्त होते ही मैच ड्रॉ घोषित हो गया, लेकिन रणजी ट्रॉफी के नियमों के अनुसार, पहली पारी में बढ़त हासिल करने वाली टीम को विजेता माना जाता है।

इसी नियम के चलते केरल को फाइनल में प्रवेश मिल गया, जबकि महज 3 रन पीछे रहने के कारण गुजरात की टीम खिताबी दौड़ से बाहर हो गई।

गुजरात की बदकिस्मती: हेलमेट से टकराई गेंद ने बदला मैच का नतीजा

इस मुकाबले का सबसे नाटकीय पल तब आया जब गुजरात की टीम अपनी पहली पारी में बल्लेबाजी कर रही थी। 175वें ओवर में गुजरात को स्कोर बराबर करने के लिए 2 रन की जरूरत थी और सिर्फ 1 विकेट शेष था।

स्ट्राइक पर अर्जन नागसवल्ला मौजूद थे, जिन्होंने जोरदार शॉट खेला, लेकिन गेंद शॉर्ट लेग पर खड़े फील्डर के हेलमेट से टकरा गई। इसके बाद स्लिप में खड़े सचिन बेबी ने कैच पकड़ लिया और गुजरात की पारी का अंत हो गया।

अगर यह गेंद हेलमेट से न लगती, तो शायद गुजरात मैच ड्रॉ कर फाइनल में पहुंच सकता था। लेकिन क्रिकेट में किस्मत भी अहम भूमिका निभाती है, और इस बार भाग्य ने केरल का साथ दिया। अब देखना होगा कि रणजी ट्रॉफी 2024-25 के फाइनल में केरल अपनी ऐतिहासिक सफलता को खिताब में बदल पाता है या नहीं।

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